इश्क़ में लिखी गई किताब हूँ मैं, दोस्ती में पी गयी शराब हूँ मैं,
इज़हार-इ-मोहब्बत में दिया गया वो पहला गुलाब हूँ मैं, उसी मोहब्बत से चढ़ता खुमार हूँ मैं,
गीता का सार हूँ मैं,
ईद का चाँद हूँ मैं,
बेजान सी ज़िन्दगियों का सहारा हूँ मैं, मुझसे मिलो तो किनारा हूँ मैं,
क्या मैं धड़कते दिल की दुआ हूँ? नहीं नहीं, मैं तड़पते दिल का धुआ हूँ ,
क्या मैं फौजी की शहादत में जमा हुई भीड़ हूँ? नहीं नहीं, मैं उसी फौजी के बच्चे की ज़िद हूँ
क्या मैं रईस का ख्वाब हूँ या सुलगती आग हूँ ? नहीं नहीं, मैं किसीके घर का चिराग हूँ,
हसरतों का कातिल हूं मैं, दंगों में शामिल हूँ मैं, जिस्मों की चीख हूँ मैं, गरीबों की भीख हूँ मैं, बेज़ुबान की आवाज़ हूँ मैं, चेहरे बदलते हिजाब हूँ मैं,
मैं कौन हूँ?
क्या मैं अच्छा हूँ या बूरा हूँ? पूरा हूँ या अधूरा हूँ?
मैं एक सवाल हूँ , उतरो मेरे अंदर तो मैं एक जवाब हूँ|
मैं इंसान हूँ,
मैं ब्रह्माण्ड हूँ,
मैं अल्लाह हूँ,
मैं भगवान हूं,
मैं ही धर्म ,
मैं ही पहचान हूँ|
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Nice
Wonderful poem. thanks for sharing @reignitetwenties
Thank you
Nice lines
ya.
Thank you for the repost
you’re welcome.
Bhut sundar likha apne
Mai kon hu?👌👌👌
It’s actually written by me and thank you
Okk wlcm
Shaandaar..!!
Thank you
Kon hu me….Beautiful
thank you.
Amazing 😍
Thank you